IRDAI ने Policybazaar पर लगाया ₹5 करोड़ जुर्माना – जानिए पूरा मामला

IRDAI ने पॉलिसीबाज़ार पर लगाया ₹5 करोड़ जुर्माना – जानिए कारण

IRDAI ने Policybazaar पर लगाया ₹5 करोड़ जुर्माना – जानिए पूरा मामला

IRDAI ने Policybazaar पर लगाया ₹5 करोड़ जुर्माना – जानिए पूरा मामला

बीमा क्षेत्र के नियामक संस्था IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने Policybazaar पर कड़ा रुख अपनाते हुए ₹5 करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना कंपनी द्वारा की गई विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया गया है।

क्या हैं आरोप?

IRDAI की जांच में पाया गया कि Policybazaar ने अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ बीमा उत्पादों का भ्रामक और पक्षपातपूर्ण प्रचार किया। इसमें निम्नलिखित आरोप शामिल हैं:

  • ग्राहकों को भ्रमित करने वाले विज्ञापन दिखाना
  • कुछ बीमा कंपनियों के उत्पादों को अत्यधिक प्राथमिकता देना
  • गैर-प्रामाणिक या अधूरी जानकारी देना
  • बीमा वितरण से जुड़े IRDAI के नियमों का उल्लंघन करना

IRDAI की कार्यवाही

IRDAI ने विस्तृत जांच के बाद पाया कि पॉलिसीबाज़ार ने ग्राहकों के हितों को नजरअंदाज किया और पारदर्शिता की कमी रही। इसके चलते “IRDAI Act, 1999” और Insurance Advertisement and Disclosure Guidelines का उल्लंघन हुआ।

इस आधार पर ₹5 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है, जो अब तक के सबसे बड़े दंडों में से एक माना जा रहा है।

Policybazaar की प्रतिक्रिया

Policybazaar ने IRDAI के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वे नियामकीय मानदंडों का सम्मान करते हैं और सभी आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाएंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह गलती अनजाने में हुई है और अब वे अपनी सभी प्रक्रियाओं की पुनरावलोकन करेंगे।

आम ग्राहकों के लिए सबक

यह घटना बीमा खरीदने वाले सभी ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है:

  • बीमा उत्पाद खरीदते समय स्वतंत्र रिसर्च करें।
  • केवल प्रचार या विज्ञापन के आधार पर बीमा न लें।
  • सभी शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
  • IRDAI से पंजीकृत और मान्यता प्राप्त स्रोतों से ही बीमा खरीदें।

निष्कर्ष

IRDAI की यह सख्ती यह दर्शाती है कि बीमा सेक्टर में पारदर्शिता और उपभोक्ता हितों की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। Policybazaar जैसे बड़े प्लेटफॉर्म को भी नियमों का पालन न करने पर कड़ी सजा दी जा सकती है। यह कदम बीमा बाजार को अधिक जिम्मेदार और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक मजबूत संकेत है।

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